क्या सच में रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गईं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?


News by Rajdhani Evening News // Published on :21 May,2018



नई दिल्ली:

क्या सचमें रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गईं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?

नई दिल्ली।अंतरराष्ट्रीय दर बढ़ने और कमजोर रुपये के साथ-साथ अन्य कारणों से देश में पेट्रोलऔर डीजल की कीमतें रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई हैं। रविवार को दिल्ली में पेट्रोल कीकीमत 76.24 रुपये प्रति लीटर थी। इससे पहले पेट्रोल की सबसे अधिक कीमत सितंबर 2013में 76.06 रुपये की थी। स्थानीय करों के अनुसार फ्यूल की कीमतें प्रत्येक राज्य मेंअलग होती हैं। मुंबई में पेट्रोल 84.07 रुपये प्रति लीटर, चेन्नै में 79.13 रुपये औरकोलकाता में 78.91 रुपये था।

पिछले कुछमहीनों से डीजल की कीमतें कुछ दिनों के अंतराल पर नए उच्च स्तर पर पहुंच रही हैं। दिल्लीमें डीजल 67.57 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 70.12 रुपये, मुंबई में 71.94 रुपयेऔर चेन्नै में 71.32 रुपये था। दिल्ली में पिछले वर्ष 1 जुलाई से पेट्रोल और डीजल कीकीमतें क्रमश: 13.15 रुपये और 14.24 रुपये प्रति लीटर बढ़ी हैं। इस अवधि में कच्चेतेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें लगभग दो-तिहाई बढ़कर करीब 80 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।

घटा उत्पादन:पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ओपीईसी (पेट्रोलियम नियार्तक देशों केसंगठन) देशों में तेल के कम उत्पादन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दामबढ़ गए हैं। क्रूड के प्राइस में हाल की तेजी के पीछे डिमांड में वृद्धि होना, सऊदीअरब की अगुवाई में तेल उत्पादक देशों का उत्पादन में कमी करना, वेनेजुएला में उत्पादनमें गिरावट और अमेरिका का ईरान पर प्रतिबंध लगाने का फैसला जैसे कारण हैं।

सरकारी पेट्रोलियमकंपनियों के पास इंटरनैशनल फ्यूल रेट्स और करंसी के एक्सचेंज रेट के अनुसार पेट्रोलऔर डीजल की कीमतों में प्रतिदिन बदलाव करने की छूट है। लेकिन हाल के दिनों में फ्यूलके इंटरनैशनल रेट बढ़ने के बावजूद कर्नाटक में मतदान से 19 दिन पहले से पेट्रोल औरडीजल की कीमतों में बदलाव को रोक दिया गया था। अब पेट्रोलियम कंपनियां इस अवधि के दौरानहुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रही हैं।

कीमतों मेंबढ़ोतरी 14 मई को दोबारा शुरू होने के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश:1.61 रुपये और 1.64 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। फ्यूल की कीमतें बढ़ने सेमहंगाई में भी वृद्धि हुई है। इससे करंट अकाउंट डेफिसिट भी बढ़ने की आशंका है।

पिछले16 सालों में पेट्रोल दिल्ली में 14 सितंबर 2013 को सबसे महंगा 76.06 रुपये प्रति लीटरकी दर से बिका था। यह रेकॉर्ड मई 2018 में चार बार टूटा। वहीं, डीजल की मौजूदा कीमतपिछले 16 सालों के सर्वोच्च स्तर पर है।

पेट्रोलकी खुदरा कीमतों में 50% से ज्यादा हिस्सा अलग-अलग टैक्सों और डीलरों के कमीशनों काहोता है। डीजल में इसकी हिस्सेदारी 40% से ज्यादा होती है। चूंकि अलग-अलग राज्य अलग-अलगदर से टैक्स वसूलते हैं, इसलिए हर राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर हो जाताहै।

पेट्रोलमुंबई में सबसे महंगा है जबकि हैदराबाद में डीजल सबसे महंगा है। मजेदार बात यह है किकई शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बहुत कम अंतर है। यानी, वहां डीजल वाहनोंके मालिकों को पेट्रोल वाहनों के मालिकों के मुकाबले खास बचत नहीं हो रही।

अमेरिकाको छोड़कर विकसित देशों में पेट्रोलियम पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाए जाते हैं। हालांकि,उन देशों के नागरिकों की औसत आमदनी भी भारतीय नागरिकों की औसत आय के मुकाबले ज्यादाहै। इस वजह से उन देशों के नागरिकों पर पेट्रोलियम की ऊंची कीमतों का उतना असर नहींपड़ता जितना हम भारतीयों पर। सामान्य आंकड़े के मुताबिक, औसत भारतीय को एक लीटर पेट्रोलखरीदने के लिए अपनी उस दिन की आमदनी का 20 प्रतिशत खर्च करना होता है।

इससे उपभोक्ताओंको राहत देने के लिए सरकार पर ड्यूटी में कमी करने का दबाव बढ़ा है। पेट्रोलिय मंत्रीधर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'मैं मानता हूं कि देश के लोगों को और मुख्यतः मध्यम वर्गके लोगों पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों का बुरा असर पड़ा है। भारत सरकार इसका हल निकालनेके लिए जल्द ही कोई कदम उठाएगी।' हालांकि उन्होंने साफ नहीं किया कि इस दिशा में सरकारक्या कदम उठाने जा रही है।

केंद्र सरकारने फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर कम करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में पेट्रोलऔर डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। लेकिन क्रूड के प्राइसेजमें तेजी जारी रहने से इसका असर जल्द ही समाप्त हो गया था। नवंबर 2014 से जनवरी2016 के बीच क्रूड के प्राइसेज गिर रहे थे। उस अवधि में केंद्र सरकार ने पेट्रोल परएक्साइज ड्यूटी 11.77 रुपये और डीडल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई थी। अब क्रूडके पिछले कुछ समय से महंगा होने के कारण ड्यूटी में कमी करने की मांग की जा रही है।